उच्च शिक्षा और चिकित्सा शिक्षा विभाग में चयनित युवाओं को बांटे नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में आयोजित समारोह में उच्च शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत चयनित 139 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। इनमें 52 असिस्टेंट प्रोफेसर, 18 प्रोफेसर, 36 एसोसिएट प्रोफेसर और 33 ट्यूटर/मेडिकल सोशल वर्कर शामिल हैं।

तेज़ी से बदलते इस दौर में जब देशभर में सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते रहे हैं, उत्तराखंड ने एक नई मिसाल पेश की है कि “नौकरी अब सिर्फ़ योग्यता, प्रतिभा और क्षमता के दम पर मिलेगी!” यही वाक्य मुख्यमंत्री के संकल्प को दर्शाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता लाकर, पेपर लीक जैसी विकृति को जड़ से खत्म कर, जो तंत्र बना है, उसने नौजवानों को वापस सिस्टम पर विश्वास दिलाया है।

डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग में फैकल्टी के सभी पद भर लिए गए हैं, और मेडिकल कॉलेजों में भी जल्द ही 85% से अधिक पद भर दिए जाएंगे। यह कदम सिर्फ़ संख्या नहीं बढ़ा रहे, बल्कि उत्तराखंड को शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय मानचित्र पर शीर्ष स्थान दिला रहे हैं।

देश में सबसे पहले नई शिक्षा नीति को लागू करने का गौरव उत्तराखंड को मिला। यह साबित करता है कि यहाँ शिक्षा व्यवस्था सिर्फ पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं, बल्कि गुणवत्ता, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली बन चुकी है। रु. 18 लाख तक के शोध अनुदान और देवभूमि उद्यमिता योजना जैसे प्रयास युवाओं को न सिर्फ़ पढ़ने, बल्कि नया गढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *