स्थायी राजधानी गैरसैंण’ की मांग को लेकर पूर्व IAS विनोद प्रसाद रतूड़ी का अनिश्चितकालीन आंदोलन: ‘राज्य बने 25 साल, पर राजधानी कहां?’

देहरादून:  उत्तराखंड की स्थायी राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी विनोद प्रसाद रतूड़ी एक बार फिर बड़ा आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। राज्य गठन के लगभग 25 वर्ष पूरे होने को हैं, लेकिन उत्तराखंड को अभी तक उसकी स्थायी राजधानी नहीं मिल पाई है, जिसके कारण पहाड़ों में शिक्षा, चिकित्सा, और रोजगार की कमी से भारी पलायन हो रहा है।

इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने के लिए, श्री विनोद प्रसाद रतूड़ी 12 अक्टूबर, 2025 को सुबह 11:00 बजे से देहरादून के परेड ग्राउंड में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित नहीं कर देती।

IAS सेवा के दौरान संघर्ष और उपेक्षा

श्री विनोद प्रसाद रतूड़ी को उत्तराखंड के उन चुनिंदा अधिकारियों में गिना जाता है जो मुख्यमंत्री और मंत्रियों को गलत नीतियों पर भी सही सलाह देने और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर रहने के लिए जाने जाते हैं।

स्थानांतरण की मार: अपनी सेवा के दौरान, उन्होंने 50 से ज़्यादा स्थानांतरणों का सामना किया, जो व्यवस्था के सामने उनकी निडरता का प्रमाण है।

सरकार की उपेक्षा: जब वह IAS सेवा में थे, उन्होंने इस संबंध में (स्थायी राजधानी गैरसैंण) सरकार से सूचना और योजनाएं मांगी थीं। लेकिन इसके बदले उन्हें ट्रांसफर के अलावा कुछ नहीं मिला। सरकार ने उनकी जनहितैषी सलाह को अनसुना कर दिया। इसी उपेक्षा से आहत होकर, उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद जन-आंदोलन का रास्ता चुना।

आंदोलन की मुख्य वजहें

शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा: राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान 42 से अधिक लोगों ने राजधानी की मांग को लेकर अपना बलिदान दिया था। इन शहीदों के सपने को पूरा करने और उनके बलिदान को सम्मान देने के लिए यह आंदोलन आवश्यक है। पलायन और पहाड़ों की दुर्दशा: स्थायी राजधानी के अभाव में सरकारी नीतियां मैदानों तक सीमित रह गई हैं। पहाड़ों में मूलभूत सुविधाओं (शिक्षा, स्वास्थ्य) की कमी के चलते गांव के गांव खाली हो रहे हैं, जिससे राज्य का मौलिक स्वरूप खतरे में है। स्थायी राजधानी गैरसैंण समिति: पूर्व में ‘स्थायी राजधानी गैरसैंण समिति’ का गठन किया गया था। इसी क्रम में श्री रतूड़ी ने 21 सितंबर, 2025 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी एक बड़ा प्रदर्शन किया था।

आगामी कार्यक्रम

विनोद प्रसाद रतूड़ी ने घोषणा की है कि 12 अक्टूबर को देहरादून में धरने के बाद, वह गैरसैंण की ओर मार्च निकालेंगे। उनका कहना है, “यह मेरी नहीं, यह उत्तराखंड के भविष्य की लड़ाई है। जब तक स्थायी राजधानी गैरसैंण घोषित नहीं हो जाती, हम रुकेंगे नहीं।” उत्तराखंड के सभी नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, और राजनैतिक दलों से अनुरोध है कि वे इस महत्वपूर्ण आंदोलन में शामिल होकर राज्य के भविष्य को सुरक्षित करने में सहयोग करें।

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *