उत्तराखंड से अपहरण, फिरौती के लिए फोन और यूपी के चित्रकूट में अधमरी हालत में बरामदगी की कहानी…

हल्द्वानी : उत्तराखंड के हल्द्वानी से एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने पुलिस और लोगों को हिलाकर रख दिया है। तल्ली बमोरी इलाके से 8 मई को लापता हुआ युवक तुषार लोहनी (27) आखिरकार उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में गंभीर हालत में बरामद हुआ। यह कोई सामान्य गुमशुदगी नहीं, बल्कि 22 लाख रुपये की फिरौती से जुड़ा अपहरण का मामला है और उसकी पूरी तैयारी पहले ही कर ली गई थी।

हल्द्वानी निवासी तुषार, जो फरीदाबाद की एक निजी कंपनी में काम करता है, कुछ दिन पहले ही अपने घर आया था। 8 मई को दोपहर के वक्त उसे एक फोन आया और वह टी-शर्ट और लोअर पहने ही बाहर निकल गया। शाम तक वापस न लौटने पर परिजनों ने सोचा कि वह शायद फरीदाबाद चला गया हो। लेकिन, जब उसका मोबाइल घर में ही पड़ा मिला और उसका कोई सुराग नहीं लगा, तो पिता गिरीश चंद्र लोहनी को आशंका हुई।

सीसीटीवी खंगालने पर स्थिति साफ हो गई। फुटेज में तुषार को चार युवक जबरन खींचकर एक वाहन में बैठाते नजर आए, जिससे यह साफ हो गया कि उसका अपहरण किया गया है। पुलिस जांच में सामने आया कि तुषार का संपर्क दो युवकों से हुआ था। कपिल तिवारी और आलोक तिवारी, जो चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) के निवासी हैं।

दोनों के नंबर तुषार के कॉल रिकॉर्ड में पाए गए। बताया गया कि तुषार और आरोपियों के बीच 22 लाख रुपये का लेनदेन था। युवकों ने तुषार को हल्द्वानी से अगवा कर चित्रकूट ले जाकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उसे बंधक बनाकर बार-बार फिरौती की मांग की गई।

शिकायत मिलते ही मुखानी थाने में गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने तुषार के कॉल डिटेल और लोकेशन को खंगाला। जांच का दायरा बढ़ाया गया और एक विशेष टीम बनाई गई। पुलिस का दबाव ऐसा बढ़ा कि अपहरणकर्ता तुषार को चित्रकूट के एक सुनसान जगह पर अधमरी हालत में फेंककर फरार हो गए।

जब पुलिस वहां पहुंची, तो तुषार की हालत बेहद गंभीर थी। उसके शरीर पर गहरे जख्म, सूजा चेहरा और कपड़ों पर खून के निशान थे। तुरंत उसे हल्द्वानी लाकर बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।

मुखानी थानाध्यक्ष विजय सिंह मेहता ने जानकारी दी कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनकी तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

अनसुलझे सवाल

  • 22 लाख की यह रकम किस लेनदेन का हिस्सा थी?
  • क्या यह सिर्फ कर्ज का मामला था या इसके पीछे और कोई आपराधिक रैकेट है?
  • दो राज्यों की सीमा पार कर अपहरणकर्ताओं को इतनी हिम्मत कैसे हुई?
  • क्या तुषार अकेला निशाना था या ये कहानी अभी और लंबी है?

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