उत्तराखंड : कैबिनेट विस्तार के साथ दायित्वों का भी होगा बंटवारा, सबकुछ हो चुका तय!

उत्तराखंड में सरकार बनने के बाद से ही कैबिनेट में कई पद खाली चल रहे थे, और तब से ही विस्तार की अटकलें बनी हुई थीं। यह मुद्दा समय-समय पर सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनता रहा, लेकिन कोई ठोस निर्णय सामने नहीं आ रहा था।

हाल ही में हुए घटनाक्रमों ने कैबिनेट विस्तार को और अधिक तूल दे दिया। विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा पहाड़ियों पर की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी ने प्रदेशभर में उबाल ला दिया। इस बयान के चलते जगह-जगह प्रदर्शन हुए और लोगों का भारी आक्रोश देखने को मिला। राजनीतिक दबाव के चलते प्रेमचंद अग्रवाल को अंततः अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। उनके इस्तीफे के बाद से ही कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया।

सरकार में खाली पड़े पदों के साथ-साथ लंबे समय से दायित्वों के बंटवारे को लेकर भी चर्चाएं हो रही थीं। हालांकि, तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी अब तक दायित्वों का स्पष्ट रूप से बंटवारा नहीं किया गया, जिससे नाराजगी की खबरें भी सामने आती रही हैं। पार्टी के अंदर भी इस मुद्दे को लेकर असंतोष के स्वर उठते रहे हैं।

अब सरकार और संगठन ने मिलकर तय कर लिया है कि कैबिनेट विस्तार के साथ ही दायित्वों का बंटवारा भी किया जाएगा। इसे लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और संगठन के शीर्ष पदाधिकारी पहले ही पूरी तैयारी कर चुके हैं। माना जा रहा है कि इस प्रक्रिया में संतुलन साधने की कोशिश की जाएगी, ताकि पार्टी के भीतर और बाहर किसी प्रकार की असंतोष की स्थिति न बने।

इस बीच, भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कैबिनेट विस्तार को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसने राजनीतिक हलचल और तेज कर दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कैबिनेट विस्तार की प्रक्रिया पार्टी नेतृत्व के निर्णयानुसार होगी और जल्द ही दायित्वधारियों की घोषणा भी की जाएगी। उनके बयान से यह संकेत मिलता है कि पार्टी नए चेहरों को भी मौका देने की योजना बना रही है।

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