उत्तराखंड: ग्रामीणों ने की गुलदार के आतंक से निजात की मांग, मुख्यमंत्री और वन मंत्री को भेजा ज्ञापन

पौड़ी: पौड़ी गढ़वाल के चौबट्टाखाल क्षेत्र में लगातार बढ़ रही गुलदार की घटनाओं से दहशतजदा ग्रामीणों ने अब शासन-प्रशासन से कड़े कदम उठाने की मांग की है। चौबट्टाखाल तहसील के पोखड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री और वन मंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी के माध्यम से भेजकर अपनी समस्याएं और मांगें रखीं।

ग्रामीणों का कहना है कि गांवों के आसपास गुलदार का आतंक बढ़ता जा रहा है, जिससे लोग खेतों और रास्तों पर जाने से डरने लगे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि गाँवों से सटे 100 मीटर क्षेत्र को गुलदार मुक्त बनाया जाए। इसके लिए घास-फूस, जंगली झाड़ियाँ और अनावश्यक पेड़-पौधों की सफाई कराई जाए। साथ ही मुख्य मार्गों और विद्यालयों तक जाने वाले रास्तों के किनारों की झाड़ियों को नियमित रूप से काटा जाए।

ज्ञापन में कहा गया है कि संवेदनशील गांवों में प्राथमिकता के आधार पर जालीनुमा बाड़ लगाई जाए और सुरक्षा चाहने वाले ग्रामीणों को बंदूक का लाइसेंस दिया जाए। वहीं, जंगलों में वन्यजीवों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था की जाए ताकि वे रिहायशी इलाकों की ओर न आएं। ग्रामीणों ने यह भी माँग की कि बाघ और गुलदार की गिनती कराई जाए और उनकी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए कॉलर आईडी लगाई जाए।

ग्रामीणों ने कहा कि जानवरों की संख्या के हिसाब से गाँवों के आसपास पर्याप्त पिंजरे लगाए जाएँ और वन विभाग लगातार गश्त करे। अवैध शिकार रोकने के लिए पेट्रोलिंग टीम गठित की जाए और जंगलों को शिकार प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया जाए। साथ ही जंगलों में आग लगाने वालों पर सख्त सजा का प्रावधान किया जाए।

ज्ञापन में मुआवज़े को लेकर भी प्रमुख मांगें रखी गई हैं। ग्रामीणों ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति की जानवरों के हमले में मृत्यु होती है तो उसके परिवार को कम से कम 25 लाख रुपये का मुआवज़ा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। वहीं घायल व्यक्ति या घायल पशु को भी उचित मुआवज़ा मिले।

ग्रामीणों ने आधुनिक तकनीक का सहारा लेने की भी सिफारिश की है। उन्होंने एआई आधारित चेतावनी प्रणाली, सेंसर और कैमरों के इस्तेमाल, मोबाइल ऐप और सामुदायिक डेटाबेस बनाने जैसी पहल की माँग की, ताकि गुलदार की गतिविधियों पर समय रहते नज़र रखी जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो गुलदार आतंक से जनजीवन और अधिक असुरक्षित हो जाएगा।

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *