श्री राजा रघुनाथ-मां भीमा काली चारधाम यात्रा पार्ट-1 : पुजेली से चंबा तक का पवित्र सफर

यात्रा का शुभारंभ

16 मई की सुबह, पुजेली थान में भक्ति और उत्साह का माहौल था। सुबह 10 से साढ़े 10 बजे के बीच, श्री राजा रघुनाथ और मां भीमा काली की डोलियां रथ पर सजाई गईं। स्थानीय लोगों ने फूल-मालाओं, धूप-दीप और भक्ति-भाव के साथ अपने आराध्य देव को श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए विदा किया। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने इस पवित्र यात्रा में हिस्सा लिया, जो सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ आगे बढ़ी।

यात्रा का मार्ग और भक्ति-भाव

यात्रा बनाल पट्टी के पुजेली थान से शुरू होकर कुड़ पुल, गडोली, सराड़ी, ईड़क, और पौंटीपुल होते हुए बड़कोट पहुंची। पूरे मार्ग में श्रद्धालुओं ने श्री राजा रघुनाथ और मां भीमा काली के जयकारों के साथ अपनी श्रद्धा प्रकट की। लोगों ने अपने आराध्य देव से सुख-शांति और मां भीमा काली से समृद्धि की प्रार्थना की। रास्ते में हर जगह भक्तों का उत्साह और भक्ति देखते ही बनता था।

पहला पड़ाव: चंबा

यात्रा राड़ी टॉप और चिन्यालीसौड़ होते हुए अपने पहले विश्राम स्थल, चंबा, पहुंची। यहां रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन यात्रा अपने अगले पड़ाव, गौरीकुंड, के लिए रवाना हुई। पहले दिन की यात्रा अत्यंत उत्साहपूर्ण रही, जिसमें हर श्रद्धालु अपने आराध्य देव के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ शामिल हुआ। श्री राजा रघुनाथ और मां भीमा काली के जयकारों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

भक्ति और समर्पण का प्रतीक

यह यात्रा न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक भी है। श्री राजा रघुनाथ और मां भीमा काली के प्रति श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास इस यात्रा को और भी विशेष बनाता है। पहले दिन की यात्रा ने सभी भक्तों के मन में भक्ति और उत्साह का संचार किया, और यह चारधाम यात्रा की शुरुआत को एक अविस्मरणीय अनुभव बना गया।

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *