कारगिल विजय दिवस पर वीर शहीदों को नमन: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षा मंत्री ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली : आज 26 जुलाई को पूरा देश ‘कारगिल विजय दिवस’ मना रहा है। यह दिन भारतीय सेना के अदम्य साहस, वीरता और मातृभूमि के लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान की गौरवगाथा का प्रतीक है। वर्ष 1999 में पाकिस्तान की नापाक हरकत का जवाब भारतीय सेना ने जिस दृढ़ संकल्प और पराक्रम से दिया, उसी की स्मृति में हर वर्ष यह दिवस मनाया जाता है। 84 दिनों तक चले इस संघर्ष में भारत ने विजय पताका फहराई और कई जांबाज वीरगति को प्राप्त हुए। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह समेत देश की शीर्ष हस्तियों ने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को देश के लिए अमूल्य बताया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संदेश में कहा “कारगिल विजय दिवस हमारे जवानों की असाधारण वीरता, साहस एवं दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। देश के प्रति उनका समर्पण और सर्वोच्च बलिदान देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। मैं मातृभूमि के लिए प्राण न्योछावर करने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। पीएम मोदी ने देशवासियों को कारगिल विजय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा,”यह दिन हमें मां भारती के उन वीर सपूतों के अप्रतिम साहस और शौर्य का स्मरण कराता है, जिन्होंने देश के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया।
उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरणा देता रहेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा कि कारगिल विजय दिवस पर मैं उन वीरों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी देश के सम्मान की रक्षा की। उनका सर्वोच्च बलिदान हमारे सशस्त्र बलों की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है। भारत उनकी सेवा का सदैव ऋणी रहेगा।

गृह मंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन विजय को वीरता की अमिट मिसाल बताते हुए लिखा, कि कारगिल विजय दिवस’ देश के वीर जवानों की गौरवगाथा का अविस्मरणीय दिन है। वर्ष 1999 में हमारे जवानों ने ऑपरेशन विजय के तहत दुश्मनों को घुटनों पर लाकर अदम्य साहस और पराक्रम की मिसाल पेश की। मैं सभी शूरवीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।” कारगिल विजय दिवस के अवसर पर देशभर में श्रद्धांजलि सभाओं, परेडों और सम्मान समारोहों का आयोजन किया गया। स्कूलों, कॉलेजों और सैन्य संस्थानों में विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को वीर सपूतों की गाथा से परिचित कराया गया।

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