हरिद्वार में बाढ़ जैसे हालात पर सांसद रमेश पोखरियाल निशंक चिंतित अधिकारियों को दिए प्रभावी कार्रवाई के निर्देश

हरिद्वार में बाढ़ जैसे हालात पर सांसद रमेश पोखरियाल निशंक चिंतित अधिकारियों को दिए प्रभावी कार्रवाई के निर्देश

हरिद्वार। पूर्व शिक्षा मंत्री सांसद हरिद्वार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्य के विभिन्न जिलों में हुई भारी बारिश के कारण उत्पन्न बाढ़ तथा जलभराव की स्थिति की समीक्षा करते हुए सभी सम्बन्धित विभागों को उत्तराखण्ड में अगले कुछ दिनों में राज्य की नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी और जगह जगह जल भराव की आशंका के मद्देनजर हर वक्त ‘अलर्ट मोड’ में रहने के लिए कहा साथ ही साथ उन्होंने अलग अलग क्षेत्रों के जन प्रतिनिधियों और आम जनता से फोन पर हालत की जानकारी दी उन्होंने अधिकारीयों और पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी निर्देशित किया कि आम जनमानस की हर हाल में मदत की जाए उन्होंने कहा ऐसे हालात में किसी भी अधिकारी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने फोन के माध्यम से राज्य के विभिन्न जिलों में बाढ़, जलभराव और राहत कार्यों की समीक्षा की तथा अधिकारियों को सतर्क रहने की हिदायत दी।
सांसद निशंक ने अधिकारियों को बाढ़ और भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति और सभी नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर रखने के निर्देश देते हुए प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की आपदा प्रबंधन टीमों को सतर्कता की जानकारी भी ली । उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर आपदा प्रबंधन मित्रों और सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की भी मदद ली जाए।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भारी वर्षा के बाद अगले कुछ दिनों में प्रदेश की विभिन्न नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी की आशंका है। ऐसे में सिंचाई एवं जल संसाधन के साथ-साथ राहत एवं बचाव से जुड़े सभी विभाग ‘अलर्ट मोड’ में रहें।
उन्होंने ने कहा कि सभी अतिसंवेदनशील तटबंधों पर प्रभारी अधिकारी और सहायक अभियन्ता हर वक्त ‘अलर्ट मोड’ में रहें, तटबन्धों की लगातार निगरानी की जाए, बाढ़ या भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो और प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने जलभराव की समस्या के निदान के लिए भी ठोस प्रयास करने के निर्देश देते हुए कहा ‘‘जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, अधिशाषी अधिकारी और पुलिस की संयुक्त टीम जलभराव से बचाव के लिए स्थानीय जरूरतों के अनुसार व्यवस्था करें। जिलाधिकारी अपने—अपने क्षेत्र के विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, नगर निकाय के अध्यक्ष के साथ संवाद कर जरूरी कार्यवाही करें।’’
उन्होंने आकाशीय बिजली से कई स्थानों पर जनहानि की घटनाओं का जिक्र करते हुए वज्रपात के सटीक पूर्वानुमान की बेहतर प्रणाली विकसित करने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि राजस्व एवं राहत, कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, दूर संवेदी प्राधिकरण, मौसम विभाग, केन्द्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण से संवाद-संपर्क बनाएं और ऐसी प्रणाली का विकास करें जिससे आम जन को समय से मौसम की सटीक जानकारी मिल सके।

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *