उत्तराखंड : सीटों के आरक्षण से टेंशन में कई…निशाने पर मुन्ना सिंह चौहान
देहरादून: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सोशल मीडिया से लेकर चौक-चौराहों तक पर अब चुनाव की चर्चाएं आम होने लगी हैं। सरकार ने भी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसके तहत निकायों में सीटों को लेकर आरक्षण की स्थिति को साफ कर दिया गया है।
हालांकि, अब आपत्तियों के बाद स्थिति और साफ हो जाएगी। लेकिन, आरक्षण को लेकर जहां विपक्ष सवाल उठा रहा है। वहीं, सत्ता पक्ष की ओर से भी विरोध के आवाजें सुनाई दे रही हैं। इस पर सीएम पुष्कर सिंह धामी का बयान भी सामने आया है।
विकासनगर से भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने विकास नगर पालिका का पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किए जाने पर कड़ा विरोध जताया है। आपत्तियों और आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि आरक्षण का अपना एक नियम होता है और नियमों के तहत आरक्षण तय होता है।
सीएम ने कहा कि इसके लिए आयोग गठित होता है और उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही आरक्षण तय किया जाता है। किसी की इच्छा पर हर जगह आरक्षण तय हो जाए ये भी संभव नहीं है। आरक्षण को लेकर आपत्तियां मांगी गई हैं, जिनका निस्तारण भी किया जाएगा।
मुन्ना सिंह चौहान को अनुसूचित जनजाति के लिए सीट आरक्षित होने का विरोध करना भारी पड़ रहा है। सोशल मीडिया में उनको लोगों की कड़ी प्रतिक्रियांओं का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का आरोप है कि जनजाति क्षेत्र से होने के बाद भी इस तरह से विरोध करना क्षेत्र का विरोध है।
लोगों का कहना है कि मुन्ना सिंह चौहान विधानसभा सीट के अपने समीकरण को ध्यान में रखते हुए अपने वोटों को साधने के लिए विरोध जता रहे हैं। विकासनगर सीट पर मुन्ना सिंह चौहान नहीं चाहते कि उनके वोटों का समीकरण गड़बड़ हो। इस सीट पर अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या कम है, जबकि, अन्य लोगों की संख्या अधिक है।
यही उनकी जीत का आधार भी हैं। सीट के आरक्षित होने से मुन्ना सिंह चौहान को अपने वोटों को गणित गड़बड़ाता नजर आ रहा है। मुन्ना सिंह चौहान को लेकर लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है। लोगों का आरोप है कि जिस क्षेत्र से मुन्ना सिंह चौहान आते हैं, उसी क्षेत्र के लोगों का विरोध कर रहे हैं।
रामशरण नौटियाल ने कहा-बेवजह की राजनीति नया करें
भाजपा नेता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामशरण नौटियाल ने विधायक मुन्ना सिंह चौहान को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि जौनसार-बावर के बीच खाई पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसा लगता है जैसे विकासनगर अलग सल्तनत हो और जौनसैार-बावर अलग सल्तनत। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि अगर उनको इस पर आपत्ति थी, तो अपनी बात को उचित तरह से रख सकते थे। इस तरह से मीडिया के सामने आकर वोटों की राजनीति की जा रही है।
कॉमरेड इंद्रेश मैखुरी ने मुन्ना सिंह चौहान पर उठाए सवाल
कॉमरेड इंद्रेश मैखुरी ने भी मुन्ना सिंह चौहान के विरोध पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जौनसारी समाज जनजाति समाज है। देहरादून के विकासनगर में अधिकांश जौनसारी लोग ही रहते हैं। मुन्ना सिंह चौहान जौनसारी समाज से ही आते है। जीवन में उन्होंने जो तरक्की की, उसमें जौनसारी समाज को मिलने वाले अनुसूचित जनजाति के आरक्षण का बड़ा योगदान है।
लेकिन, आज मुन्ना सिंह चौहान विकासनगर नगरपालिका के अध्यक्ष की सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किये जाने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि स्वयं अनुसूचित जनजाति के आरक्षण का लाभ उठाने के बाद वे क्यों नहीं चाहते कि विकासनगर में किसी जौनसारी व्यक्ति को इस आरक्षण का राजनीतिक लाभ मिले। स्वयं वे विधायक हैं, पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। विधायक का चुनाव लड़ चुकी हैं।
लेकिन, कोई अन्य जौनसारी व्यक्ति जनजाति आरक्षण का लाभ पाकर नगरपालिका अध्यक्ष हो जाए, यह उन्हें स्वीकार्य नहीं, इसका विरोध करने के लिए हाईकोर्ट तक जाने की बात वे कर रहे हैं! स्वयं जनजाति का व्यक्ति हो कर जनजाति के व्यक्ति के लिए सीट आरक्षित होने का विरोध-यह क्या पॉलिटिक्स है?
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि और हां मुन्ना सिंह चौहान तो सत्ताधारी भाजपा के विधायक हैं। सत्ता वाले तो अंदर ही अंदर काम करवा लेते हैं। अधिसूचना जारी होने के बाद भी सीट बदलवा लेते हैं, जैसे उत्तरकाशी में हुआ। सत्ता पक्ष वालों को मीडिया के सामने आ कर अपना आक्रोश जाहिर करने की जरूरत नहीं पड़ती।
तो क्या भाजपा में आपकी एक नगरपालिका सीट का आरक्षण बदलवाने लायक भी नहीं चल रही है, मुन्ना भाई? मंत्री वो आपको बना नहीं रहे, आपके विधानसभा क्षेत्र की नगरपालिका सीट तय करने में भी आपको पूछ नहीं रहे तो आप उस भाजपा में क्या पन्ना प्रमुख बनने के लिए हो मुन्ना भाई?