पंचायत चुनाव की आरक्षण सूची पर न्यायिक रोक, लोकतंत्र की जीत : कवींद्र ईष्टवाल 

देहरादून: राज्य सरकार द्वारा हाल ही में घोषित पंचायत चुनाव की आरक्षण सूची को उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने स्थगित (रोक) कर दिया है। यह निर्णय न सिर्फ संवैधानिक प्रक्रिया की जीत है, बल्कि ग्रामीण लोकतंत्र की गरिमा की पुनर्स्थापना भी है।

कांग्रेस नेता कवींद्र ईष्टवाल ने इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “हम पहले ही कह रहे थे कि यह आरक्षण सूची अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव बनाकर तैयार कराई गई थी। यह सूची सत्ता की मर्जी से, नियमों को ताक पर रखकर बनाई गई थी।

हम इस अन्याय के विरुद्ध न्यायालय की शरण में गए और न्यायालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत रोक लगाने का आदेश दिया। मैं उच्च न्यायालय का हृदय से धन्यवाद करता हूं। यह निर्णय उन हज़ारों ग्रामवासियों की आशा और संघर्ष की जीत है, जिनकी आवाज़ दबाई जा रही थी।”

ईष्टवाल ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी हर मोर्चे पर जनता के अधिकारों की रक्षा करेगी। लोकतंत्र में आरक्षण सिर्फ गणित नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय का प्रतीक है और जब इसमें गड़बड़ी होती है, तो चुप नहीं बैठा जा सकता।

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