उत्तराखंड : जान के सबसे बड़े दुश्मन बने गुलदार, 2 बच्चों को मार डाला

उत्तराखंड में गुलदारों के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गुलदार पहाड़ हो या फिर मैदान सभी जगहों पर लोगों पर हमला कर रहा है। खासकर बच्चों को निशाना बना रहा है। पिछले दो-तीन महीनों में इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। गुलदार के हमलों में लगातार बच्चों की जानें जा रही हैं। वन विभाग गुलदारों के हमले रोकने का सामाधान निकालने के बजाय लोगों को ही खुद की सुरक्षा करने के लिए कह रहा है।

गुरुवार को गुलदार के हमलों के दो मामले सामने आए। पहला मामला नानकमत्ता का है। यहां बिचवा भूड़ में घर के आंगन में खेल रहे 11 साल के बालक को पिता की आंखों के सामने गुलदार गन्ने के खेत में खींच ले गया। गंभीर स्थिति में अस्पताल लाने तक बालक की मौत हो गई। दूसरी घटना बागेश्वर जिले के अंतर्गत औलानी गांव में हुई। यहां दादी के साथ बैठी दो साल की बच्ची को गुलदार घसीटकर जंगल की तरफ ले गया। बाद में उसका शव बरामद हुआ।

नानकमत्ता में बिचवा भूड़ गांव रनसाली रेंज के जंगल से लगा है। गांव निवासी कुलविंदर सिंह का 11 साल का बेटा गुरप्रीत सिंह अपराह्न एक बजे अपने घर के पीछे आंगन में खेल रहा था। पास में ही कुलविंदर झाड़ियों की कटाई कर रहे थे। तभी गन्ने के खेत से आए गुलदार ने अचानक पीछे से बालक की गर्दन पर हमला कर दिया।

बेटे पर गुलदार का हमला देख पिता ने शोर मचाया। जिस पर गुलदार गन्ने के खेत में बालक को छोड़कर भाग गया। गुरप्रीत को को तत्काल सितारगंज उप जिला चिकित्सालय लाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दूसरी घटना बागेश्वर जिले के जिस औलानी गांव में हुई, वह धरमघर वन रेंज से लगा है।

बागेश्वर में रवि उप्रेती की दो साल की बेटी बेटी योगिता अपने एक वर्ष के भाई शौर्य के साथ आंगन में दादी के साथ थी। शाम छह बजे गुलदार योगिता को उठाकर ले गया। पास में ही महिलाओं ने यह देख शोर मचाया तो गुलदार घर के पीछे बच्ची को छोड़कर जंगल भाग गया। बच्ची ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

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