उत्तराखंड: सत्ता की हनक, पुरोला विधायक के खिलाफ शिकायत करने वालों के खिलाफ ही मुकदमा

उत्तराखंड: सत्ता की हनक, पुरोला विधायक के खिलाफ शिकायत करने वालों के खिलाफ ही मुकदमा

देहरादून: कानून को दबे कुचले और कमजोरों की ताकत माना जाता है। लेकिन, जब सत्ता की हनक चलती है तो कानून भी हांपने लगता है। सत्ता की हनक की दिशा में चलने लगता है। पिछले दो-तीन दिनों से पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल चर्चाओं में हैं। चर्चा इस बात की है कि उनपर विधायक हॉस्टल में दो युवाओं के साथ मारपीट की और उनका फोन भी छीन लिया।

दोनों ने पुलिस के पास जाकर विधायक के खिलाफ बाकायदा शिकायत की। लेकिन, पुलिस ने अब तक उनकी शिकायत पर मुकदमा दर्ज नहीं किया है। उल्टा विधायक के निजी सचिव की शिकायत पर कुलदीप पंवार और अतुल पंवार के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया।

इससे बड़ी हैरान करने वाली बात यह है कि जिन युवाओं ने पहले पुलिस के पास जाकर कर शिकायत दर्ज कराई और जांच की मांग की। पुलिस ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय विधायक के निजी सचिव की ओर से दी गई शिकायत पर ही कार्रवाई शुरू कर दी।

पुलिस का कहना है कि युवाओं की दी गई तहरीर की जांच की जा रही है। लेकिन, सवाल यह उठता है कि जब उनकी दी गई शिकायत की जांच की जा रही है तो विधायक की शिकायत की भी जांच की जानी चाहिए थी या नहीं ? आरोप है कि पुलिस ने ऐसा ना करके सत्ता के दबाव में मुकदमा दर्ज कर दिया।

विधायक की ओर से दी गई शिकायत में युवाओं पर गाली गलौज, जान से मारने की धमकी देने और मानहानि जैसे आरोप लगाए गए हैं। शिकायत में यह भी कहा गया है कि दोनों युवा विधायक आवास के 6 नंबर कमरे में घुस गए थे और विधायक के साथ गाली गलौज करने लगे।

जबकि आरोपी बनाए गए कुलदीप और अतुल का कहना है कि घटना वाले दिन विधायक दोनों को करीब 1 घंटे तक अपने साथ घुमाते रहे और फिर विधायक हॉस्टल परिसर लेजाकर उनके साथ मारपीट कर दी। उनका फोन भी छीन लिया गया। यह भी आरोप लगाया गया है कि दोनों वहां से भाग गए, जबकि दोनों ने पहले पुलिस को काल की और उसके बाद सीधे पुलिस चौकी पहुंच गए। 

नेहरू कॉलोनी थाना प्रभारी का कहना है की विधायक के निजी सचिव की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि कुलदीप और अतुल की शिकायत की अभी जांच की जा रही है। सवाल यह उठता है कि दो दिनों तक लगातार थाने में घंटों रहने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया और विधायक के निजी सचिव की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। 

यह कैसे संभव हो सकता है कि एक शिकायत की जांच पर तत्काल मुकदमा और दूसरी शिकायत की जांच ही हो रही है। जबकि, दोनों का घटना स्थल एक ही है। इससे ऐसा लगता है कि पुलिस दबाव में काम कर रही है।

 

उत्तराखंड: सत्ता की हनक, पुरोला विधायक के खिलाफ शिकायत करने वालों के खिलाफ ही मुकदमा

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *