उत्तराखंड में एक और ‘हाउस अरेस्टिंग’ केस, 2 करोड़ 27 लाख ठगे, 9 दिनों तक बनाया बंधक!

देहरादून: हाउस अरेस्टिंग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। राजधानी देहरादन में ही पिछले कुछ महीनों में कई मामले सामने आ चुके हैं। ताजा मामला भी देहरादून का ही है। यहां एक रिटायर्ड टीचर को हाउस अरेस्टिंग के जरिए डर दिखाने वाले साइर ठगों ने 9 दिन तक घर में हाउस हरेस्ट रखा। डिजिटली हाउस अरेस्टिंग के जरिए ठगों ने उनसे 2 करोड़ 27 लाख हड़प लिए।

डिजिटल ठगों ने उनको मनी लाड्रिंग के 20 लाख रुपये के लेनदेन की बात कहकर डराया। हमेशा ती तरह इस बार भी पुलिस और जांच एजेंसी का डर दिखाकर शिक्षक को ठगा गया। ठगों ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया। उनको हर तीन घंटे में वाट्सएप पर उपस्थित होने की धमकी दी गईं। साइबर थाना पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

मामला देहरादून के निरंजनपुर का है। रिटायर्ड शिक्षक महिपाल सिंह ने पुलिस को बताया कि 9 सितंबर को उनके पास मुंबई साइबर क्राइम के नाम से काल आई। खुद को सब इंस्पेक्टर विनोय कुमार चौबे बताने वाले ने एक मुकदमे के संबंध में वीडियो काल पर बात करने के लिए कहा। वीडियो काल पर कहा गया कि उनके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर से एक बैंक का खाता खोला गया है, जिसमें अपराध से संबंधित मनी लाड्रिंग का 20 लाख रुपये का लेनदेन हुआ है। डरा धमकाकर यह भी कहा गया कि उनके नाम से अरेस्ट वारंट निकला है। उन्हें 24 घंटे में गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

उत्तराखंड: साइवर ठगों का एक और कारनामा, महिला को 30 घंटे रखा ‘डिजिटल अरेस्ट’, साढ़े 10 लाख ठगे

ठगों ने इस बार मामले का राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बताया और किसी को नहीं बताने की धमी दी। इससे बचने के लिए जब उन्होंने उनसे जानकारी पूछी तो ठगों ने इस केस को उच्चस्तर का बताया और कहा कि वह उनकी निगरानी में रहेंगे और हर तीन घंटे में वाट्सएप पर अपनी उपस्थिति के मैसेज करने होंगे।

10 सितंबर को विनोय कुमार नाम के व्यक्ति ने फिर फोन किया और पुलिस अधिकारी आकाश कुल्हारी से बात करने को कहा। इस बीच उन्हें नोटिस और कोर्ट के दस्तावेज भी भेजे गए। ठगों ने उनके सभी बैंक खातों की जानकारी भी ले ली। इसके बाद 11 सितंबर से 17 सितंबर के बीच ठगों के खातों में दो करोड़ 27 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।

उत्तराखंड रोजगार अपडेट : 526 पदों पर भर्ती का एक और मौका, UKPSC ने जारी किया नोटिफिकेशन

इसके बाद ठगों ने कहा कि अवैध लेनदेन को ट्रेक करने के लिए उनके बैंक खातों की निगरानी की जा रही है। 24 से 48 घंटे के बाद सारे रुपये वापस हो जाएंगे। लेनदेन गलत पाए जाने पर घर की नीलामी होने की भी चेतावनी दी गई। ठगों ने इसके बाद और धनराशि खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ। अब मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने इस मामले की विवेचना निरीक्षक देवेंद्र सिंह नबियाल को सौंपी है।

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *