उत्तराखंड: ग्रामीणों की धमकी, वन विभाग नहीं माना तो खुद उठाएंगे बंदूक…चाहे जेल क्यों ना जाना पड़े
पौड़ी: पौड़ी जिले के पोखड़ा रेंज में गुलदार के हमले में चार साल की मासूम रिया की मौत के बाद ग्रामीणों में भारी गुस्सा है। इस दर्दनाक घटना से पूरा श्रीकोट गांव सदमे में है। गुस्साए ग्रामीणों ने अब वन विभाग को सीधी चेतावनी दी है कि अगर तत्काल ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे खुद अपनी सुरक्षा के लिए बंदूक उठा लेंगे, भले ही इसके लिए उन्हें जेल क्यों न जाना पड़े।
कांग्रेस प्रदेश सचिव कवींद्र इष्टवाल ने वन विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि ग्रामीणों द्वारा बार-बार गुलदार के खतरे को लेकर अवगत कराने के बावजूद विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। इष्टवाल ने कहा, “हम ज्ञापन देते-देते थक गए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। अब हम ज्ञापन नहीं देंगे, बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए खुद कार्रवाई करेंगे। अगर इसके लिए जेल भी जाना पड़े, तो हम तैयार हैं।
कांग्रेस प्रदेश सचिव कवींद्र ईष्टवाल ने बताया कि उन्होंने तत्काल इस मामले की जानकारी वन मंत्री को दी, जिसके बाद डीएफओ को टीम के साथ भेजा गया, लेकिन उनके आने में 12 घंटे लग गए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर नरभक्षी गुलदार को जल्द से जल्द गोली मारने का आदेश नहीं दिया गया, तो ग्रामीण मजबूरन अपनी सुरक्षा के लिए खुद ही बंदूकें उठाएंगे।
वन विभाग पर सवाल
स्थानीय लोगों ने वन विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग केवल मुआवजे देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है। उन्होंने बताया कि कई बार गुलदार दिखने की शिकायतें करने के बावजूद वन विभाग के अधिकारी यह कहकर टाल देते हैं कि जब तक कोई बड़ी घटना या मौत नहीं हो जाती, तब तक वे कुछ नहीं कर सकते।
ग्रामीणों की मांगें
- क्षेत्र में जंगली जानवरों के बढ़ते आतंक से परेशान ग्रामीणों ने वन विभाग से कई मांगें की हैं:
- पेड़ों की कटाई: गांव के आसपास के अनावश्यक पेड़ों और झाड़ियों को तुरंत साफ किया जाए।
- टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल: गुलदार को पकड़ने के लिए ट्रैंक्विलाइजर और पिंजरों का उपयोग किया जाए।
- सुरक्षित रास्ते: स्कूल जाने वाले बच्चों के रास्तों को साफ और सुरक्षित किया जाए।
- जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए उचित बजट आवंटित किया जाए, ताकि किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए बाड़ लगा सकें।
- ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही वन विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
यह दिल दहला देने वाली घटना शुक्रवार रात करीब 8 बजे हुई। जितेंद्र रावत की बेटी रिया घर के आंगन में खेल रही थी, तभी अचानक झाड़ियों से एक गुलदार निकला और उस पर झपट पड़ा।
इससे पहले कि परिवार के लोग कुछ समझ पाते, गुलदार बच्ची को घसीटता हुआ जंगल की ओर ले गया। परिवार में हड़कंप मच गया और तुरंत ही ग्रामीणों के साथ मिलकर बच्ची की तलाश शुरू की गई। काफी खोजबीन के बाद रिया का क्षत-विक्षत शव घर से कुछ ही दूरी पर बरामद हुआ, जिससे पूरे गांव में मातम छा गया।
घटना की सूचना मिलते ही गढ़वाल वन प्रभाग के रेंजर नक्षत्र शाह अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से घटना की जानकारी ली और उन्हें सतर्क रहने की सलाह दी। वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए जल्द ही पिंजरा लगाने की बात कही है, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। यह घटना उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में वन्यजीवों के बढ़ते हमलों की एक और दुखद मिसाल है, जिसने स्थानीय लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया है।