इतिहास विभागीय परिषद में जलवायु परिवर्तन, प्रसन्नता और अवसाद के इतिहास पर मंथन

देहरादून: राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इतिहास विभागीय परिषद द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, प्रसन्नता और अवसाद जैसे महत्वपूर्ण विषयों के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

कार्यक्रम में बतौर विभागाध्यक्ष संबोधित करते हुए डॉ. विजय बहुगुणा ने अनाल्स स्कूल के प्रख्यात इतिहासकारों मार्क ब्लॉक और लूसे फेब्र के विचारों को साझा करते हुए कहा कि वर्तमान समय की ज्वलंत समस्याओं जैसे जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का ऐतिहासिक अध्ययन किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने प्रसन्नता और अवसाद के इतिहास को भी लिखे जाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि मानव मन की जटिलताओं और सामाजिक परिवर्तनों को बेहतर ढंग से समझा जा सके।

डॉ. बहुगुणा ने कृषि एवं पशुचारण के इतिहास को लोक संस्कृति का अभिन्न अंग बताते हुए कहा कि यह हमारी परंपराओं और जीवनशैली को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

विभागीय परिषद के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में दिव्या पंवार, ख़ज़ान सिंह और कुणाल जैसे वक्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर अपनी बात रखी, जिससे श्रोताओं को इस विषय की गंभीरता को समझने में मदद मिली।

प्राध्यापक अनिल शाह ने इतिहास के क्रमबद्ध अध्ययन पर बल देते हुए कहा कि उत्तराखंड के विशेष संदर्भ में ऐतिहासिक घटनाओं और प्रक्रियाओं का विश्लेषण किया जाना चाहिए।

इतिहास विभाग के प्रवक्ता अविनाश भट्ट ने आधुनिक भारतीय इतिहास की विभिन्न धाराओं को विस्तार से रेखांकित किया। इस अवसर पर शोधार्थी नीलिशा थापा, विजय नेगी और गौरांग सहित अनेक विद्यार्थी उपस्थित रहे, जिन्होंने चर्चा में सक्रिय रूप से भाग लिया।

कार्यक्रम के दौरान भाषण और क्विज प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। भाषण प्रतियोगिता में ख़ज़ान सिंह ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि कुणाल द्वितीय और दिव्या पंवार तृतीय स्थान पर रहीं। क्विज प्रतियोगिता में स्मृति ने बाजी मारी, दिव्या द्वितीय स्थान पर रहीं और रिमझिम ने तृतीय स्थान हासिल किया।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डी. एस. नेगी ने इतिहास विभागीय परिषद की गतिविधियों की सराहना करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम शानदार रहे हैं और यह विभाग महत्वपूर्ण व्यक्तियों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के इतिहास का अध्ययन करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है, जो कि अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने विभाग को भविष्य में भी इस प्रकार के ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों का आयोजन करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया।

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