कोलकाता में लियोनेल मेसी के कार्यक्रम में भड़का बवाल: फैंस ने की तोड़फोड़, टीएमसी-बीजेपी ने आयोजकों पर साधा निशाना
कोलकाता के विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन (साल्ट लेक स्टेडियम) में 13 दिसंबर को अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉलर लियोनेल मेसी के ‘GOAT इंडिया टूर 2025’ के पहले चरण में भारी अव्यवस्था और अराजकता देखने को मिली। मेसी महज 10-20 मिनट मैदान पर रहे और जल्दी चले गए, जिससे हजारों टिकट खरीदकर आए फैंस भड़क उठे। नाराज दर्शकों ने बोतलें फेंकीं, कुर्सियां तोड़ीं, बैनर फाड़े और मैदान पर घुसने की कोशिश की। स्थिति बेकाबू होने पर पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा।
मुख्य कारण कुप्रबंधन बताया जा रहा है। फैंस का आरोप है कि आयोजकों और कुछ लोगों की सेल्फी लेने की होड़ में मेसी को घेर लिया गया, जिससे गैलरी से ठीक से नजर नहीं आई। टिकट की कीमत 3500 से 14000 रुपये तक थी, फिर भी फैंस निराश लौटे। आयोजन में तय कई कार्यक्रम जैसे बच्चों के साथ मास्टरक्लास और सम्मान समारोह रद्द हो गए। मुख्य आयोजक सतद्रु दत्ता को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
इस घटना पर राजनीतिक बवाल मच गया। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने आयोजकों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि आयोजकों और उनके करीबियों की अत्यधिक उत्सुकता व सेल्फी की कोशिशों से दर्शक मेसी को ठीक से नहीं देख पाए, जिससे गुस्सा भड़का। घोष ने आयोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और इसे शर्मनाक बताया।
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्य सरकार और टीएमसी पर सीधा हमला बोला। बीजेपी ने इसे बंगाल व फुटबॉल दोनों का अपमान करार दिया। अमित मालवीय, सुवेंदु अधिकारी और शहजाद पूनावाला जैसे नेताओं ने आरोप लगाया कि टीएमसी नेताओं ने मेसी को घेरकर फैंस को वंचित किया, सुरक्षा व्यवस्था जीरो थी और ब्लैक मार्केटिंग हुई। बीजेपी ने खेल मंत्री के इस्तीफे और जांच की मांग की।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना पर गहरा दुख जताया और मेसी तथा फैंस से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि वह खुद कार्यक्रम में जा रही थीं, लेकिन कुप्रबंधन से स्तब्ध हूं। सीएम ने उच्चस्तरीय जांच समिति गठित करने का ऐलान किया।
