जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश आतंकमुक्त: NSA डोभाल का दावा; नक्सलवाद 11% क्षेत्र में सिमटा

नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने सरदार वल्लभभाई पटेल मेमोरियल व्याख्यान में देश की आंतरिक सुरक्षा पर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा, “2013 के बाद जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश के किसी भी आंतरिक इलाके में आतंकी हमला नहीं हुआ है।” यह उपलब्धि भारत की मजबूत प्रतिरोधक क्षमता का प्रमाण है।

आतंकवाद पर पूर्ण नियंत्रण

एनएसए ने तथ्यों का हवाला देते हुए कहा, “1 जुलाई 2005 को अयोध्या में आतंकी हमला हुआ था। उसके बाद 2013 में आखिरी बड़ा हमला हुआ। इसके बाद पूरे देश में (जम्मू-कश्मीर को छोड़कर) कोई आतंकी घटना नहीं हुई।” उन्होंने जोर दिया, “दुश्मन सक्रिय हैं, लेकिन हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें भीतरी इलाकों में घुसने नहीं दिया। यह देश के लिए गर्व की बात है।”

नक्सलवाद में 89% की कमी

वामपंथी उग्रवाद पर बोलते हुए डोभाल ने बताया, “2014 की तुलना में नक्सल प्रभावित क्षेत्र अब महज 11% रह गया है।”

  • पहले दर्जनों जिले नक्सल प्रभावित थे।
  • अब अधिकांश जिलों को सुरक्षित घोषित कर दिया गया है।
  • सुरक्षा बलों और विकास योजनाओं के संयोजन से यह सफलता मिली।

प्रतिरोधक क्षमता विकसित

एनएसए ने कहा, “सुरक्षा उपाय करना काफी नहीं। हर भारतीय को यह विश्वास दिलाना जरूरी है कि वह आंतरिक और बाहरी दोनों खतरों से सुरक्षित है।” भारत ने ऐसी प्रतिरोधक क्षमता (Deterrence) विकसित की है कि कोई भी खतरा हो, “हमारी इच्छाशक्ति और सामर्थ्य उसे जवाब देने में सक्षम है।”

महिलाओं की सुरक्षा पर जोर

डोभाल ने सुशासन के लिए महिलाओं की सुरक्षा को आधारभूत बताया। उन्होंने कहा, “वंचित, कमजोर और हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त करना जरूरी है। महिलाओं को संरक्षण, सुरक्षा, समानता और सशक्तीकरण की भावना देना आधुनिक भारत की पहचान है।”

सुरक्षा मॉडल की वैश्विक सराहना

एनएसए के बयान को रक्षा विशेषज्ञों ने “भारत के सुरक्षा मॉडल की जीत” करार दिया। पूर्व आईबी प्रमुख ने कहा, “यह जीरो टॉलरेंस नीति और खुफिया तंत्र की मजबूती का परिणाम है।”

सरदार पटेल की जयंती पर आयोजित इस व्याख्यान में डोभाल ने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के सुरक्षा आयाम को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा सिर्फ सीमाओं की रक्षा नहीं, बल्कि हर नागरिक की सुरक्षा की गारंटी है।”

यह बयान ऐसे समय में आया है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां फिर बढ़ी हैं, लेकिन मुख्य भूमि पर शांति बरकरार है। सरकार का दावा है कि “आतंक और उग्रवाद अब भारत की मुख्यधारा में जगह नहीं बना पा रहे।”

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