उत्तराखंड: बच्चों ने मनाई प्रेमचंद जयंती, शहादत दिवस पर सरदार उधमसिंह को किया याद

रचनात्मक शिक्षक मंडल की पहल पर आज दून स्कालर्स, गेबुआ मे सैंकडों बच्चों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से कथा सम्राट प्रेमचंद की 144 वीं जयंती मनाई गई। साथ ही आजादी के आंदोलन के क्रांतिकारी शहीद उधमसिंह को 84वें  शहादत दिवस पर याद किया गया।

ऑनलाइन हुए इस कार्यक्रम में बच्चों द्वारा दोनों के चित्र बनाने के साथ साथ प्रेमचंद की कहानियों, उपन्यासों का सार प्रस्तुत किया गया। प्रेमचंद के साहित्य और उधमसिंह के जीवन को केंद्रित कर फिल्म भी देखी गई। प्रेमचंद की कहानी सुनाओ में कार्तिक नेगी, वंशिका रावत,हर्षिता बेलवाल,जसमीत कंबोज ने बाजी मारी,उपन्यास सार में साक्षी तिवारी,कनिष्का,खुशी रावत ने बाजी मारी जब चित्रकला प्रतियोगिता में चैतन्य, प्रतीक गोस्वामी, श्रेष्ठा जोशी, सिद्धि जीवन जोशी, कृष्णा बिष्ट ने बाजी मारी।

इस मौके पर बोलते हुए कार्यक्रम संयोजक नवेंदु मठपाल ने कहा कि प्रेमचंद का रचना संसार बहुत बड़ा और समृद्ध है। बहुआयामी प्रतिभा के धनी प्रेमचंद ने कहानी, नाटक, उपन्यास, लेख, आलोचना, संस्मरण, संपादकीय जैसी अनेक विधाओं में साहित्य का सृजन किया है। उन्होंने कुल 300 से ज़्यादा कहानियां, 3 नाटक, 15 उपन्यास, 10 अनुवाद, 7 बाल-पुस्तकें लिखीं।

शहीद क्रांतिकारी उधमसिंह के बाबत जानकारी देते हुए शिक्षक नंदराम आर्य ने कहा शहीद उधम सिंह ने जलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गर्वनर जनरल रहे माइकल ओ’ ड्वायर को लन्दन में जाकर गोली मारी थी। उधमसिंह ने वहां से भागने की कोशिश नहीं की और अपनी गिरफ्तारी दे दी। उन पर मुकदमा चला और आज ही के दिन 31 जुलाई 1940 को उन्हें पेंटनविले जेल में फांसी दे दी गई।

उधर, पुछड़ी में भी शिक्षक मंडल की पहल पर जुलूस की शक्ल में घूमते हुए शिक्षकों द्वारा स्थानीय नागरिकों और बच्चों को आज के दिवस की प्रासंगिकता बताई गई। सुभाष गोला द्वारा प्रेमचंद की कहानियां सुनाई गई।इस मौके पर नंदराम आर्य,नवेंदु मठपाल,प्रधानाचार्य नीलम नगरकोटी,सरिता गोस्वामी,चेतना रावत, चित्रेश त्रिपाठी,गुंजन बिष्ट,पूजा फर्त्याल,सुभाष गोला,सुमित कुमार,शबनम,सुजल कुमार ,निर्मल जोशी,बालकृष्ण चंद्र मौजूद रहे।

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